दिल्ली के सभी हॉस्पीटल मे होगा कोविड 19 का ईलाज – कार्मिक, लोक जिकायत तथा पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी

दिल्ली के सभी हॉस्पीटल मे होगा कोविड 19 का ईलाज – कार्मिक, लोक जिकायत तथा पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी Covid 19 will be treated in all the hospitals in Delhi – issued by the Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions
treated in all the hospitals
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(Department of Personnel and Training) 
NOTIFICATION
New Delhi, the 14th July, 2020
F. No. 13018/07/2018-AIS(I).—The following Rule 21(a) below Rule 21, Regulation 2(a) below Regulation 2 and Sub-Regulation 2.1(a) below Sub-Regulation 2.1 under Appendix-III are inserted in the Rules of Civil Services Examination, 2019 published by the Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions (Department of Personnel and Training) in the Gazette of India, Extraordinary:

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  • 21(a). in addition to the designated hospitals in Delhi, the medical examination of the candidates shall also be carried out in the designated Government Hospitals in the States/UTs, in view of the situation arisen due to COVID-19 pandemic.
  • 2(a). in addition to designated hospitals in Delhi,the medical examination of the candidates shall also be carried out in the designated Government Hospitals in the States/UTs, in view of the situation arisen due to COVID-19 pandemic.
  • 2.1(a). in addition to designated hospitals in Delhi,the medical examination of the candidates shall also be carried out in the designated Government Hospitals in the States/UTs, in view of the situation arisen due to COVID-19 pandemic.
ASHISH MADHAORAO MORE, Director
नोट :- हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com पर ऐसी जानकारी रोजाना आती रहती है, तो आप ऐसी ही सरकारी योजनाओं की जानकारी पाने के लिए हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com से जुड़े रहे। 
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भारत में कोविड-19 के फर्जी खबरों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं राज्य/संघ शासित क्षेत्र : गृह मंत्रालय

पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
गृह मंत्रालय

फर्जी+खबरों+को+फैलने


02-अप्रैल-2020 10:09 IST
भारत में कोविड-19 और लोगों के बीच फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाएं राज्य/संघ शासित क्षेत्र : गृह मंत्रालय 
एक याचिका की सुनवाई के दौरान माननीय उच्चतम न्यायालय ने फर्जी खबरों के चलते बढ़ी परेशानियां और इस क्रम में प्रवासी कामगारों के व्यापक स्तर पर पलायन को गंभीरता से लिया है। न्यायालय ने माना कि इससे लोगों को बेवजह मुसीबतों का सामना करना पड़ा है।
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न्यायालय की टिप्पणियों के क्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) सचिव श्री अजय कुमार भल्ला ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को पत्र लिखकर फर्जी खबरों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है। इसमें कहा गया कि भारत सरकार लोगों को तथ्यों और असत्यापित खबरों की पुष्टि की खबरों की सुविधा देने के लिए एक वेब पोर्टल तैयार कर रही है। राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों से इससे संबंधित समस्याओं के लिए अपने स्तर पर ऐसा ही एक तंत्र विकसित करने का अनुरोध भी किया गया है। 
उच्चतम न्यायालय ने एनडीएमए/ एमएचए के निर्देशों के क्रम में खाना, दवाएं आदि बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान सुनिश्चित करने और प्रवासी कामगारों के लिए बने आश्रय स्थलों में अन्य कल्याणकारी गतिविधियां उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने देश में कोविड 19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को दिशा-निर्देश/ परामर्श/ आदेश जारी किए हैं।
राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के साथ किए गए संवाद को देखने के लिए क्लिक करें…
Source :पत्र सूचना कार्यालय


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ई-फाइलिंग से आयकर रिटर्न में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

पत्र सूचना कार्यालय 
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय 
06-मई-2019 18:17 IST
आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग में 19 प्रतिशत की वृद्धि 
मीडिया में कुछ आधारहीन खबरें आई हैं कि वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान इनकम टैक्स रिटर्न की ई-फाइलिंग में कमी आई है। यह तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2018-19 के आंकड़ों की सीधे तौर पर तुलना नहीं की जा सकती।
income+tax+return
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान फाइल किए गए कुल 6.74 करोड़ आईटीआर में से 5.47 करोड़ आईटीआर निर्धारण वर्ष 2017-18 (चालू वर्ष) के लिए फाइल किए गए थे। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 में कुल 6.68 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए और इसमें चालू निर्धारण वर्ष 2018-19 के 6.49 करोड़ आईटीआर शामिल हैं। इस प्रकार इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसका अर्थ है कि आयकर दाताओं की एक बड़ी संख्या ने वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 में इलेक्ट्रॉनिक रूप से आईटीआर फाइल किया।
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान निर्धारण वर्ष 2017-18 के अतिरिक्त लगभग 1.21 करोड़ आईटीआर निर्धारण वर्ष 2016-17 के लिए फाइल किए गए। निर्धारण वर्ष 2015-16 और इसके पूर्व के निर्धारण वर्षों के लिए फाइल की गई शेष आईटीआरों की संख्या 0.06 करोड़ है। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए केवल 0.14 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए। इस प्रकार वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान आईटीआर की संख्या में कमी आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139(5) में किए गए संशोधन से संबंधित है जिसे वित्त अधिनियम 2017 में 01 अप्रैल, 2018 से लागू किया गया है। इस धारा के अनुसार संशोधित रिटर्न संबंधित निर्धारण वर्ष के अंत तक जमा किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2018-19 में निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए केवल 0.14 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए। ये संबंधित निर्धारण वर्ष के लिए संशोधित आईटीआर थे और इन्हें नियमों में बदलाव आने के कारण फाइल किया जा सकता था। संशोधित कानून के दायरे में किसी पूर्व निर्धारण वर्ष के लिए कोई अन्य आईटीआर फाइल नहीं किया जा सकता था।
यह आंकड़ें ई-फाइलिंग वेबसाइट के Tab-> ‘Filing growth (A.Y.)’ टैब पर उपलब्ध है।
यह भी कहा गया है कि निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए कागज के रूप में फाइल किए गए आईटीआर की संख्या केवल 9.2 लाख (फाइल किए गए कुल आईटीआर का 1.5 प्रतिशत) तथा निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए 4.8 लाख (फाइल किए गए कुल आईटीआर का 1.6 प्रतिशत) है। उक्त ब्यौरे के अनुसार यह स्पष्ट है कि अधिकांश आयकर दाता धीरे-धीरे ई-फाइलिंग अपना रहे हैं और कागज/दस्तावेजों के रूप में फाइल किए जाने वाले आईटीआरों की संख्या में कमी आ रही हैं।
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