Corona Virus : बिहार से बाहर फंसे मजदूर बिहार आने के लिए ऐसे करे बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन

बिहार से बाहर फंसे मजदूर बिहार आने के लिए ऐसे करे बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन 
इस लेख से सम्बंधित कुछ मुख्य बातें। 
  • बिहार से बाहर फंसे मजदूर बिहार आने के लिए ऐसे करे बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन , बनाए गए नए नोडल अधिकारी ।
  • भारत में लोक डाउन का तीसरा चरण लागू ।
  • बिहार आने के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन ।
  • बिहार प्रवासी मजदूर बिहार आने के लिए ऐसे करें बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन ।
  • बिहार के मजदूर किन-किन राज्यों में फंसे हैं और किन राज्यों से बाहर आ सकते हैं ।
  • बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन के लिए नोडल अधिकारी के नंबर आप नीचे इमेज के माध्यम से देख सकते हैं । 
  • बिहार वापसी के बाद मजदूरों को 14 दिनों का क्वॉरेंटाइन में रहना होगा ।

अगर आप बिहार में निवास करने वाले हैं और आप इस भारत लॉक डाउन की वजह से किसी दूसरी राज्य में फंसे हुए हैं तो बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं , इसके लिए बिहार सरकार के द्वारा कुछ नोडल अधिकारी के नंबर दिए गए हैं जिस पर संपर्क कर बिहार प्रवासी मजदूर बिहार आने के लिए आवेदन कर सकते हैं ।

बिहार+से+बाहर+फंसे+मजदूर
भारत में लोक डाउन का तीसरा चरण लागू ।

कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी बन गई है और यह काबू से बाहर होता जा रहा है दिन प्रतिदिन कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और आज भारत में इनकी संख्या 36000 के पार हो चुकी है । सरकार के द्वारा लॉक डाउन को 17 मई 2020 तक बढ़ा दिया गया है ऐसे में बिहार सरकार और बहुत सारे राज्य सरकार अपने स्तर पर दूसरे राज्य में फंसे कामगारों को एक मौका दे रही है कि वह अपने राज्य में आ सके ।

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बिहार से बाहर फंसे मजदूरों को भी बिहार सरकार के द्वारा राहत दी गई है ऐसे में बिहार सरकार के द्वारा कुछ नए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं । जो अलग-अलग राज्यों में फंसे बिहार के मजदूरों को राज्य वापस लाने में मदद करेंगे ।
बिहार आने के लिए करना होगा रजिस्ट्रेशन ।

अगर आप एक बिहार के स्थाई निवासी हैं और आप दूसरे राज्य में काम कर रहे थे और इस लॉक डाउन की वजह से आपके पास ना ही काम है और ना ही रोजी रोटी का कोई साधन तो आप अपने राज्य बिहार वापस आने के लिए बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं । चुकी आप सभी को पता है पूरे भारत में Lockdown हैं ऐसे में आवागमन की व्यवस्था पूरी तरह से बंद की गई है ।
केंद्र सरकार से मिली छूट के अनुसार राज्य सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है और ऐसे में बिहार सरकार के द्वारा कुछ नोडल ऑफिसर बनाए गए हैं जो अलग-अलग राज्य में फंसे बिहार के मजदूरों को अपने राज्य वापस लाने में मदद करेंगे । 
बिहार प्रवासी मजदूर बिहार आने के लिए ऐसे करें बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन ।
गृह मंत्रालय के द्वारा बिहार पटना को एक आदेश जारी किया गया जिसके तहत बिहार के मजदूर जो दूसरे राज्य में फंसे हैं अपने राज्य वापस आने के लिए नोडल अधिकारी से संपर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं ।
नोट :- मजदूरों से किया गया आग्रह :- सरकार के द्वारा ऐसे मजदूरों से आग्रह किया गया है जो किसी दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं उनके पास वहां रहने के लिए व्यवस्था है खाने पीने का पूरा साधन उपलब्ध है तो वह अभी उसी जगह पर रहे उनको बिहार लौटने की जरूरत नहीं है । साथ ही राज्य सरकार के द्वारा ऐसे मजदूर को यह जानकारी भी दी गई कि अगर वह दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं उनकी हालात बहुत ही बदतर है तो वह अपने राज्य अपने घर लौट सकते हैं ऐसा करने के लिए उन्हें उस राज्य के नोडल अधिकारी से संपर्क करना होगा । 
बिहार के मजदूर किन-किन राज्यों में फंसे हैं और किन राज्यों से बाहर आ सकते हैं ।
बिहार सरकार के द्वारा अभी कुछ राज्य में फंसे मजदूरों के लिए राहत दी गई है और सरकार के द्वारा वहां के नोडल अधिकारी के नंबर भी जारी किए गए हैं जिनसे मजदूर संपर्क कर बिहार वापस आने के लिए बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं ।
  • दिल्ली , हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू ,कश्मीर ,लद्दाख
  • पंजाब
  • हरियाणा
  • राजस्थान
  • गुजरात
  • उत्तराखंड
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्य प्रदेश ,छत्तीसगढ़
  • ओरिसा
  • झारखंड
  • पश्चिम बंगाल
  • असम ,मेघालय ,नागालैंड ,मणिपुर, त्रिपुरा,मिजोरम ,अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम
  • आंध्र प्रदेश, तेलंगाना
नोट :- ऊपर लिखित राज्यों में अगर आप फंसे हुए हैं तो आप यहां के नोडल अधिकारी से कॉल कर संपर्क कर सकते हैं और बिहार वापस लौटने का एक सटीक कारण देते हुए अपना बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं ।

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बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन के लिए नोडल अधिकारी के नंबर आप नीचे इमेज के माध्यम से देख सकते हैं ।
नोडल+अधिकारी+के+नंबर
नोट :- नोडल अधिकारी के नंबर पर आपको कॉल करना होगा अगर एक-दो बार में कॉल आपका नहीं कनेक्ट होता है तो समय रहते आप बार-बार प्रयास करें । नोडल अधिकारी से संपर्क होने के दौरान आपको बिहार के किस जिले से हैं इत्यादि की जानकारी देनी होगी अपना पूरा नाम और जिस राज्य में अभी फंसे हैं वहां का पता देना होगा ।
जैसे ही आप के फंसे हुए राज्य से बिहार के लिए कोई ट्रेन चलाई जाएगी आपको उसकी जानकारी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से मिल जाएगी साथ ही अधिकारियों द्वारा आपसे संपर्क भी किया जाएगा जिसके पश्चात आपको बिहार आने के लिए अनुमति दे दी जाएगी और ट्रेन की टिकट भी आपको अधिकारी के द्वारा ही उपलब्ध कराया जाएगा ।
ध्यान दें अगर आप बिहार के स्थाई निवासी हैं और ऊपर लिखित राज्यों में से किसी राज्य में फंसे हैं तो यथाशीघ्र अपने नोडल अधिकारी से संपर्क कर बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन करें ।
ध्यान दें :- बिहार के मजदूर अगर दूसरे राज्य में फंसे हैं उनके पास उस राज्य में गुजर-बसर करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है तो जल्द से जल्द नोडल अधिकारी से संपर्क कर अपना बिहार वापसी रजिस्ट्रेशन करें । साथ ही ऐसे लोग जिनके पास दूसरे राज्य में भी रहने की व्यवस्था है उनके पास खाने-पीने का सुचारू साधन उपलब्ध है तो वह अभी उसी राज्य में रहे उन्हें कहीं आने जाने की जरूरत नहीं है । ( यह केवल एक गुजारिश है )
बिहार वापसी के बाद मजदूरों को 14 दिनों का क्वॉरेंटाइन में रहना होगा ।

बिहार प्रवासी मजदूर जब दूसरे राज्य से बिहार अपने गांव की ओर लौटेंगे तो उन्हें गांव में प्रवेश नहीं दिया जाएगा प्रवासी मजदूरों को गांव में प्रवेश से पहले 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा ।
क्वॉरेंटाइन होने के बाद अगर मजदूरों में कोरोनावायरस के कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है तब जाकर उन्हें अपने गांव में प्रवेश मिल पाएगा ।
नोट :- हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com पर ऐसी जानकारी रोजाना आती रहती है, तो आप ऐसी ही सरकारी योजनाओं की जानकारी पाने के लिए हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com से जुड़े रहे
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Corona virus : दिल्ली-उत्तराखंड में आज से शुरू हो रहा है रैपिड टेस्ट

दिल्ली-उत्तराखंड में आज से शुरू हो रहा है रैपिड टेस्ट : कोरोना वायरस 
आखिरकार लंबे इंतजार के बाद सोमवार से दिल्ली और उत्तराखंड में एंटी बॉडी रैपिड टेस्ट की शुरुआत होने जा रही है। रैपिड टेस्ट राजधानी दिल्ली के हॉटस्पॉट पर किए जाएंगे, जिससे संक्रमण का लक्षण दिखने वाले लोगों को क्वारंटाइन करके संक्रमण को रोका जा सके। सरकार ने सात दिन में 42 हजार रैपिड टेस्ट करने का लक्ष्य रखा है। 
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दिल्ली के स्वास्थ्यमंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि सरकार के पास 42 हजार रैपिड टेस्ट किट आएं है। दिल्ली में सिर्फ हॉट स्पॉट इलाके में ही इस किट का प्रयोग किया जाएगा। जांच करने वाली टीमों का प्रशिक्षण हो चुका है। रविवार को एलएनजेपी अस्पताल में इसका ट्रायल हुआ है। सोमवार से टीम अलग-अलग हॉट स्पॉट में जाकर जांच का काम शुरू करेगी। इससे हम संक्रमित लोगों के शुरूआती लक्षण पता चल जाएंगे। उन्हें अलग रखकर इलाज करने में सहायता मिलेगी। 

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टीम हॉट स्पॉट इलाके में जाकर ही रैपिड टेस्ट करेगी। मध्य जिला के जिलाधिकारी ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ग्लास के केबिन वाला एक खास वैन तैयार करवाया है। डॉक्टरों की टीम उस केबिन के अंदर बैठकर संदिग्ध कोरोना मरीजों का सैंपल ले सकेंगे। इससे स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण का खतरा कम होगा। उन्हें उस समय पीपीई किट पहनने की भी जरूरत नहीं होगी। 
रैपिड टेस्ट के बारे में जानें सबकुछ
क्या होता है रैपिड टेस्ट?

जब आप किसी वायरस या और किसी पैथोजन से संक्रमित होते हैं, तो शरीर उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनाता है। रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट के जरिए इन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। खून में मौजूद एंटीबॉडी से ही पता चलता है कि किसी शख्स में कोरोना या किसी अन्य वायरस का संक्रमण है या नहीं। 
कैसी होती है इसकी जांच ?

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक खांसी, जुकाम आदि के लक्षण दिखने पर पहले 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाता है और उसके बाद उस व्यक्ति के खून के नमूने लेकर एंटीबॉडी टेस्ट या सीरोलॉजिकल टेस्ट किए जाते हैं। जिसका परिणाम भी आधे घंटे के अंदर आ जाता है। 
जांच में क्या पता करते हैं ?

इसमें देखते हैं कि संदिग्ध मरीज के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रही है या नहीं। वायरस से होने वाला संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाने के बाद भी ये एंटीबॉडी शरीर में कुछ समय तक मौजूद रहते हैं। इससे डॉक्टरों को यह पहचानने में मदद मिलती है कि मरीज पहले संक्रमित था या नहीं।
पॉजिटिव मिले तो क्या होगा ?

अगर कोई व्यक्ति एंटीबॉडी टेस्ट में पॉजिटिव आता है तो डॉक्टरी परीक्षण के बाद उसका इलाज अस्पताल में होगा या फिर प्रोटोकॉल के तहत उसे आइसोलेशन में रखा जाएगा। इसके बाद सरकार उसके संपर्क में आए लोगों की तलाश करेगी। अगर टेस्ट नेगेटिव आता है तो व्यक्ति को होम-क्वारंटीन किया जाएगा या फिर पीसीआर टेस्ट किया जाएगा।
इसके परिणाम के क्या मायने होते हैं

जिस व्यक्ति का पहले टेस्ट न हुआ हो या वो खुद से ठीक हो गया हो, उसकी पहचान भी इस एंटीबॉडी टेस्ट से की जा सकती है। इससे सरकार को पता चलेगा कि जनसंख्या का कितना बड़ा हिंसा संक्रमित है या था।
देश में किन इलाकों में होगा?

इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च ने बताया कि इस टेस्ट का हर क्षेत्र में इस्तेमाल का फायदा नहीं है। इसे केवल हॉटस्पॉट इलाकों, उन इलाकों के संपर्क में आए लोगों और इनक्यूबेशन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
क्या सब लोग करा सकते हैं जांच

बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर ने कहा था कि अभी किट की कुछ कमी है। आम जन इस रैपिड टेस्ट की मांग न करें। इसका इस्तेमाल कोरोना की जांच के लिए नहीं बल्कि महामारी के प्रसार का पता लगाने के लिए किया जाएगा।

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क्या इससे बीमारी की पहचान होती है?

रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट बीमारी की पहचान के लिए नहीं होता। यह टेस्ट सिर्फ ऐसे लोगों की पहचान के लिए है जिनमें लक्षण दिख रहे हों। एंटीबॉडी टेस्ट नेगेटिव आने का यह मतलब नहीं कि व्यक्ति को बीमारी या संक्रमण नहीं है।
इसकी जरूरत क्यों ? 
अभी तक टेस्ट करने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाता था। इसमें गले या नाक से एक स्वैब के जरिए सैंपल लिया जाता है। ये टेस्ट महंगे होते हैं और समय भी काफी लेते हैं। वहीं, रैपिड टेस्ट की कीमत कम है और परिणाम भी जल्दी मिलता है।

अब तक कौन टेस्ट हो रहा था?


अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्ट किया जाता है, जिसमें रूई के फाहे की मदद से मुंह के रास्ते से श्वास नली के निचले हिस्सा में मौजूद तरल पदार्थ का नमूना लिया जाता है। लॉकडाउन के दौरान एंटीबॉडी टेस्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है क्योंकि इसका इस्तेमाल उनलोगों की पहचान के लिए किया जा रहा है, जिनमें कोरोना का खतरा है।
Source : https://www.livehindustan.com

नोट :- हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com पर ऐसी जानकारी रोजाना आती रहती है, तो आप ऐसी ही सरकारी योजनाओं की जानकारी पाने के लिए हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com से जुड़े रहे
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