राष्ट्रीय शिशु-गृह योजना NATIONAL CRECHE SCHEME
भारत सरकार
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संखया 2152
दिनांक 23 सितम्बर, 2020 को उत्तर के लिए
राष्ट्रीय शिशु-गृह योजना
2152. कुमारी राम्या हरिदास
श्रीमती पूनम महाजन
क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या पिछले तीन वर्षों के दौरान मुख्यतः घरेलू कार्य करने वाली महिलाओं का अनुपात बढ़ा है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा कया है;
(ख) क्या सरकार द्वारा माताओं को शिशु-देखभाल के लिए कोई राजसहायता प्रदान की जा रही है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
(ग) क्या सरकार ने राष्ट्रीय शिशु-गृह योजना का क्रियान्वयन किया है; और
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(घ) क्या राज्यों द्वारा शिशु-गृहों को भुगतान में देरी या भुगतान न किए जाने के कारण देशभर में कई शिशु- गृह बंद होने के लिए मज़बूर हो गए हैं और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा कया है?
उत्तर
श्रीमती स्मृति ज़ूबिन इरानी महिला एवं बाल विकास मंत्री
(क) से (घ) : राष्ट्रीय शिशुगृह स्कीम का कार्यान्वयन 01.01.2017 से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के माध्यम से कामकाजी माताओं के बच्चों(6 महीने से 6 वर्ष के आयु वर्ग के) को दिवस देखभाल सुविधाएं प्रदान करने की एक केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में किया जाता है। स्कीम में संपूरक पोषण, टीकाकरण, पोलियो ड्रॉप्स, बेसिक स्वास्थ्य निगरानी, सोने की सुविधाएं आरंभिक उत्प्रेरण(३ वर्ष से कम आयु), 3-6 वर्ष के लिए स्कूल- पूर्व शिक्षा प्रदान की जाती है। 21.09.2020 तक, देशभर में 6004 शिशुगृह कार्यशील हैं।
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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू इयूटियां करने वाली महिलाएं 2017-18 में 45.1% से घटकर 2018-19 में 44.1% रह गई हैं और शहरी क्षेत्रों में घरेलू इयूटियां करने वाली महिलाएं 2017-18 में 47.3% से बढठकर 2018-19 में 47.4% हो गई हैं।
भारत सरकार विभिन्न स्कीमों जैसे आंगनवाड़ी सेवाएं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आदि के माध्यम से पोषण सहयोग ओर शिशु देखभात्र के लिए माताओं को नकद या वस्तु के रूप में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष सहयोग प्रदान करती है।
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