Startups in Agriculture Sector कृषि क्षेत्र में स्‍टार्टअप

Startups in Agriculture Sector  कृषि क्षेत्र में स्‍टार्टअप

 भारत सरकार
कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय कृषि, 
सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग

राज्‍य सभा
अतारांकित प्रश्‍न सं. 1464
23 सितंबर, 2020 को उत्‍तरार्थ

Startups in Agriculture Sector
विषय: कृषि क्षेत्र में स्‍टार्टअप 

1464. श्री कनकमेदला रवींद्र कुमार: 

क्‍या कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि: 

(क) क्‍या सरकार देश भर में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में स्‍टार्टअप्‍स को प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से योगदान देने के लिए प्रोत्‍साहित कर रही है; 

(ख) यदि हां, तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या है; 

(ग) क्‍या सरकार भी ऐेसे स्‍टार्टअप्‍स का वित्‍तपोषण कर रही है; 

(घ) यदि हां, तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या है; और 

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(ड.) यदि नहीं, तो इसके कारण क्‍या हैं? 

उत्‍तर
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री 

(श्री नरेंद्र सिंह तोमर)

(क) से (ख) कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएंडएफडब्ल्यू) ने वर्ष 2018-19 में राष्‍ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई-रफ्तार) के तहत “नवाचार एवं कृषि उद्यमिता विकास” नामक एक नए घटक की शुरूआत की है, जिसका उद्देश्‍य वित्‍तीय सहायता प्रदान करके नवाचार एवं कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देना और इन्क्यूबेशन पारिस्थितिकी का पोषण करना है। किसानों की आय प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से बढ़ाने के अवसर प्रदान करने तथा युवाओं को रोजगार प्रदन करने के लिए स्‍टार्टअप को प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। 

इस संबंध में, विभिन्‍न राज्‍यों में, इस कार्यक्रम के सुचारू एवं प्रभावी क्रियान्‍वयन पर परामर्श देने हेतु डीएसीएडंएफडब्‍ल्‍यू द्वारा पांच नॉलेज पार्टनर (केपी) तथा चौबीस कृषि व्‍यापार इन्क्यूबेटर्स (आर-एबीआई) को नियुक्‍त किया गया है। इन केपी एवं आर-एबीआई की सूची संलग्‍न (अनुबंध) है। 

(ग) से (घ): इस कार्यक्रम के तहत, आदर्श/पूर्व बीज अवस्‍था के लिए चयनित एक स्‍टार्टअप पांच लाख रूपए तक की अधिकतम वित्‍तीय सहायता के लिए पात्र होगा। बीज अवस्था के लिए चयनित एक स्टार्टअप पच्चीस लाख रुपए तक की अधिकतम वित्तीय सहायात के लिए पात्र होगा।

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में 346 स्‍टार्टअपों का चयन किश्‍तों में 36.72 करोड़ रूपए की राशि का वित्‍तपोषण करने के लिए किया गया है और पहली किस्‍त के रूप में 16.01 करोड़ रूपए जारी की गई। ये स्‍टार्ट-अप देशभर में स्थित विभिन्‍न कृषि व्‍यापार इन्क्यूबेटर केंद्रों (अर्थात केपी एवं रबी) में दो महीने के लिए प्रशिक्षित किए गए। 

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(ड.) उपर्युक्‍त (ग) एवं (घ) के देखते हुए प्रश्‍न नहीं उठता है। 

अनुबंध

नोलेज पार्टनर (केपी) एवं आरकेवीवाई-रफ्तार कृषिव्‍यापार इंक्‍यूबेटर्स (आर-एबीआई) की सूची नोलेज पार्टनर (केपी):

  • राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज), हैदराबाद।
  • राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (नियाम) जयपुर।
  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) पूसा, नई दिल्ली।
  • कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़, कर्नाटक।
  • असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट, असम। 

आरकेवीवाई-रफ्तार कृषि व्‍यवसाय इंक्‍यूबेटर्स (आर-एबीआई)

  • चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा
  • सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, पालमपुर, हिमाचल प्रदेश
  • आईआईटी-बीएचयू, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
  • जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय, जबलपुर, मध्य प्रदेश
  • आईसीएआर-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली, उत्तर प्रदेश
  • पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब
  • इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़
  • शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू
  • आईआईएम, काशीपुर, उत्तराखंड
  • केरल कृषि विश्वविद्यालय, त्रिशूर, केरल
  • आईसीएआर-भारतीय कदन्‍न अनुसंधान संस्‍थान, हैदराबाद, तेलंगाना
  • तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू), कोयम्बटूर, तमिलनाडु
  • एग्री इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप सेल, अंगराव, आंध्र प्रदेश
  • राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक, ओडिशा
  • एस के एन कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर, राजस्थान
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
  • बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार
  • आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद, गुजरात
  • आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कॉटन टेक्नोलॉजी, मुंबई, महाराष्ट्र
  • डॉ.पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला, महाराष्ट्र
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वेटरनरी एपिडेमियोलॉजी एंड डिजीज इंफॉर्मेटिक्स (निवेदी), बेंगलुरु, कर्नाटक
  • कॉलेज ऑफ फिशरीज, लेम्बुचेर्रा, त्रिपुरा
  • डिपाटमेंट ऑफ वेटेरनी मेडिसन कॉलेज ऑफ वेटेरनी साइंस एंड एनिमल हसबेंड्री, आइज़ॉल, मिज़ोरम विभाग
  • कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, पासीघाट, अरुणाचल प्रदेश
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Startups in Agriculture Sector Rashtriya Krishi Vikas Yojana

Ministry of Agriculture & Farmers Welfare
Startups in Agriculture Sector
Startups in Agriculture Sector
Department of Agriculture, Cooperation & Farmers Welfare (DAC&FW) has launched a new component called “Innovation and Agri-Entrepreneurship Development” under Rashtriya Krishi Vikas Yojana (RKVY-RAFTAAR) in 2018-19 with objective to promote innovation and agripreneurship by providing financial support and nurturing the incubation ecosystem. Start-ups are being encouraged in order to contribute directly and indirectly to enhancing the income of farmers by providing opportunities to them and to provide employment to youth.
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In this connection, five Knowledge Partners (KPs) and twenty four Agribusiness Incubators (R-ABIs) have been appointed by DAC &FW to advise on smooth and efficient execution of this programme in various States. List of these KPs and R-ABIs is enclosed (Annexure).
Under this programme, for idea/pre-seed stage, a selected startup shall be eligible for a maximum financial assistance of Rs. five lakh. For seed stage, a selected startup shall be eligible for a maximum financial assistance of Rs. Twenty five lakh.
346 startups in the agriculture and allied sectors are selected for funding for a sum of Rs. 36.72 crore in installments and Rs.16.01 crore has been released as 1st installment. These start-ups were trained for two months at various agribusiness incubation centres (i.e KPs & RABIs) spread across the country. 
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This information was given in a written reply by the Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare Shri Narendra Singh Tomar in Rajya Sabha on 20.09.2020.
Source: pib
 
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