किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ Benefits of Agricultural Schemes

किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ Benefits of Agricultural Schemes

 भारत सरकार
कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग

Benefits of Agricultural Schemes
राज्‍य सभा
अतारांकित प्रश्‍न सं. 1435
23 सितंबर, 2020 को उत्‍तरार्थ

विषय: किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ

1435 श्रीमती फूलो देवी नेतम:

क्‍या कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) सरकार द्वारा कृषि संबंधी लागत को कम करने के लिए कार्यान्‍वित की जा रही योजनाओं के नाम सहित तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या है;

(ख) उक्‍त योजनाओं के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है और विगत पाँच वर्षों में इन पर कितना व्‍यय किया गया है; 

(ग) उक्‍त योजनाओं से लाभान्‍वित होने वाले किसानों की संख्‍या सहित तत्‍संबधी ब्‍यौरा क्‍या है; 

(घ) विगत पाँच वर्षों के दौरान योजनाओं के कार्यान्‍वयन के फलस्‍वरूप प्रति एकड़ कृषि लागत में कटौती और किसानों की आय में वृद्धि की मात्रा का तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या है; और 
(ड.) क्‍या सरकार कृषि के लिए आवश्‍यक संसाधनों पर जीएसटी की दर को कम करने का विचार रखती है?

उत्‍तर

कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री 

(श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर)

(क): कृषि एक राज्‍य का विषय है। भारत सरकार कई केन्‍द्र प्रायोजित और केन्‍द्रीय क्षेत्र की योजनाओं के माध्‍यम से उत्‍पादन बढ़ाने, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई), मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड, कृषि यंत्रीकरण उप मिशन आदि जैसी खेती की लागत को कम करने के लिए राज्‍य सरकरों को सुविधा प्रदान करती है। 

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(ख): पिछले पांच वर्षों के दौरान, आवंटित बजट की राशि और उस पर खर्च की गई राशि को दर्शाने वाला विवरण निम्‍नानुसार है:

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना (एसएचसी)

(रूपए करोड़ में)

वित्‍तीय वर्ष

आवंटन

जारी

2015-16

200.00

140.82

2016-17

368.30

229.16

2017-18

458.76

194.93

2018-19

384.19

315.71

2019-20

333.95

159.43

कृषि यंत्रीकरण उपमिशन (एसएमएएम)

वर्ष

बजट आवंटन

खर्च की गई राशि

(रूपए करोड़ में)

2014-15

208.3

181.35

2015-16

177.85

151.74

2016-17

180.00

363.63

2017-18

577.58

791.04

2018-19

1200.00

1126.77

2019-20

1033.34

992.19

2020-21

(आज की स्‍थिति के अनुसार)

1033.09

626.48

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- प्रति बूंद अधिक फसल

(रूपए करोड़ में)

वित्‍तीय वर्ष

आवंटन

जारी

2015-16

1073.13

1000.28

2016-17

2326.00

1990.57

2017-18

3395.00

2817.97

2018-19

3983.00

2915.64

2019-20

3486.65

2699.62

(ग): इन योजनाओं के अंतर्गत लाभान्‍वित किसानों की संख्‍या को वर्ष-वार नीचे दिया गया है:
मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड (एसएचसी)

वर्ष

लाभान्‍वित किसानों की संख्‍या

2015-16

256.84

2016-17

817.28

2017-18

302.14

2018-19

873.56

2019-20

16.80

अप्रैल 2014
( 31.8.2020
तक की स्‍थिति के अनुसार
)
से कृषि यंत्रीकरण उपमिशन (एसएमएएम)

अनुमोदित गतिविधियां

कुल प्रशिक्षु

प्रशिक्षित

ट्रैक्‍टर

, पावर ट्रिलर एव स्‍व-वाहित मशीनरी सहित वितरित की गई
कुल कृषि मशीनरी


स्‍थापित किए गए कुल कस्‍टम हायरिंग केन्‍द्र

स्‍थापित किए गए कुल हाईटेक हब


किसान स्‍तर पर स्‍थापित किए गए कुल फार्म मशीनरी बैंक

(
संख्‍या में
)

69138

1241592

12450

299

11334

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत, 2015-16 से अब तक 4592137 किसान लाभान्‍वित हुए हैं। 
घ): जबकि, इन मुद्दों के बारे में एक व्‍यापक अध्‍ययन उपलब्‍ध नहीं है, कुछ योजनाओं के संबंध में निम्‍नलिखित मूल्‍यांकन किए गए हैं:
मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना
21 राज्‍यों के 171 जिलों के किसानों से प्राप्‍त फीडबैक के अनुसार, यह सामने आया कि मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड की सिफारिश के अनुसार उर्वरकों का उपयोग करने से यूरिया जैसे नाईट्रोजन उर्वरकों की बचत हुई, जिससे खेती की लागत में कमी आई।
  • चावल-खेती की लागत में 16-25 प्रतिशत की कमी हुई है और नाइट्रोजन की बचत लगभग 20 किलोग्राम प्रति हेक्‍टेयर पाई गई है। 
  • दलहन-खेती की लागत में 10-15 प्रतिशत की कमी हुई है और 10 किलोग्राम प्रति हेक्‍टेयर यूरिया की बचत हुई है। 
  • तिलहन-खेती की लागत में 10-15 प्रतिशत की कमी हुई है और सूरजमुखी में 9 किलोग्राम/एकड़, मूंगफली में लगभग 23 किलोग्राम/एकड़ और अरंडी में लगभग 30 किलोग्राम/एकड़ नाइट्रोजन की बचत हुई है। 
  • नकदी फसलों-कपास के मामले में, खेती की लागत में 25 प्रतिशत की कमी हुई है और नाइट्रोजन उर्वरक पर बचत लगभग 35 किलोग्राम/एकड़ है। 
  • बागवानी फसलें-आलू में 46 किलोग्राम/एकड़ नाइट्रोजन की बचत देखी गई है। 
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उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग से फसलों के उत्‍पादन में वृद्धि हुई।
  • अनाज-धान में 10-20 प्रतिशत, गेहूं और ज्‍वार में 10-15 प्रतिशत के उत्‍पादन में वृद्धि।
  • दलहन-दलहन के उत्‍पादन में 10-30 प्रतिशत की वृद्धि। 
  • तिलहन-तिलहन के उत्‍पादन में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि। 
  • कपास-कपास के उत्‍पादन में 10-20 प्रतिशत की वृद्धि।
उर्वरकों पर बचत और उत्‍पादन में वृद्धि से किसानों की आय में भी वृद्धि हुई:
  • धान: लगभग 4500/-रू प्रति एकड़  की आय में वृद्धि।
  • तूर:  लगभग 25,000-30,000/-रू प्रति एकड़  की आय में वृद्धि।
  • सूरजमुखी: लगभग 25,000/-रू प्रति एकड़  की आय में वृद्धि।
  • मूंगफली: लगभग 10,000/-रू प्रति एकड़  की आय में वृद्धि।
  • कपास: लगभग 12,000/-रू प्रति एकड़  की आय में वृद्धि।
  • आलू: लगभग 3000/-रू प्रति एकड़  की आय में वृद्धि।
सूक्ष्‍म सिंचाई 2014 में पूर्ण हुए सूक्ष्‍म सिंचाई के लिए एक प्रभाव मूल्‍यांकन अध्‍ययन और इस अध्‍ययन के प्रमुख निष्‍कर्ष निम्‍न प्रकार हैं।
  • 32 प्रतिशत के औसत के साथ सिंचाई की लागत 50 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गई। 
  • बिजली की खपत लगभग 31 प्रतिशत कम हो गई। 
  • उर्वरकों की बचत 7 प्रतिशत से 42 प्रतिशत तक भिन्‍न-भिन्‍न होती है।
  • फलों और सब्‍जियों की औसत उत्‍पादकता में लगभग 42.3 प्रतिशत और 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • किसानों की समग्र आय में वृद्धि 48.5 प्रतिशत के औसत के साथ 20 प्रतिशत से 68 प्रतिशत की सीमा में थी। 
(ड.) डीएसीएण्‍डएफडब्‍ल्‍यू ने राजस्‍व विभाग से कृषि संगत आदानों, उपस्‍कर, उपकरण, मशीनरी आदि पर लगाए गए जीएसटी दरों की समीक्षा करने और इसे या तो ‘शून्‍य’ या सर्वाधिक 5 प्रतिशत पर तर्गसंगत स्‍तर तक कम करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने की सिफारिश की है।

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