Role of MSP in Doubling Farmers Income किसानों की आय को दोगुना करने में न्यूनतम समर्थन मूल्य की भूमिका
विषय: किसानों की आय को दोगुना करने में न्यूनतम समर्थन मूल्य की भूमिका
1432. श्री महेश पोद्दार
क्या कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार ने क्या-क्या पहलें की हैं और इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की क्या भूमिका है;
(ख) वर्ष 2019-20 के लिए राज्यों ने एमएसपी के आवंटन हेतु क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित किया है और लक्ष्य की तुलना में क्या उपलब्धियां रही हैं?
(ग) क्या सरकार उन राज्यों के किसानों को कुछ अतिरिक्त सुविधा प्रदान करेगी, जहां खरीद पर एमएसपी काफी कम है; और
(घ): क्या कुछ राज्यों ने ‘भावांतर मूल्य(किसानों को भुगतान किए गए पारिश्रमिक मूल्य और मंडियों में विक्रय मूल्य के बीच का अंतर) को न्यूनतम समर्थन मूल्य का आधार बनाया है, यदि हां, तो क्या सरकार इसे दश भर में कार्यान्वित करेगी?
(घ): सरकार “प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा)” नामक छत्रक योजना के अंतर्गत भावांतर भुगतान योजना (पीडीपीएस) का कार्यान्वयन करती है। पीडीपीएस में पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से अधिसूचित मंडी यार्ड में निर्धारित अवधि के भीतर निर्धारित उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) मानदंडों के तिलहन की बिक्री करते हुए पूर्व पंजीकृत किसानों को एमएसपी और बिक्री/मॉडल कीमत की बीच अंतर का प्रत्यक्ष भुगतान करने की परिकल्पना है। सभी भुगतान किसानों के बैंक खाते में सीधे किए जाते हैं। इस योजना में कोई वास्तविक खरीद शामिल नहीं होती है। पीडीपीएस के अंतर्गत किसानों द्वारा 25 प्रतिशत एमएसपी मूल्य (2 प्रतिशत प्रशासनिक लागत शामिल) तक प्राप्त एमएसपी और बिक्री/मॉडल कीमत अर्थात भावांतर के बीच अंतर की पूरी प्रतिपूर्ति का वहन केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है। केन्द्र सरकार की सहायता 25 प्रतिशत उत्पादन तक की मात्रा के लिए है। यदि कोई राज्य 25 प्रतिशत से अधिक मात्रा कवर करने का इच्छुक है तो उसको राज्य सरकरों के संसाधनों से वित्तपोषित किए जाने की आवश्यकता होती है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए सोयाबीन के लिए केएमएस 2018-19 के दौरान पीडीपीएस का कार्यान्वयन किया था।
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