What is Rashtriya Gokul Mission राष्ट्रीय गोकुल मिशन पात्रता व पंजीकरण प्रक्रिया

What is Rashtriya Gokul Mission राष्ट्रीय गोकुल मिशन पात्रता व पंजीकरण प्रक्रिया
गायों के संरक्षण एवं नस्ल के विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जाता है। इन योजनाओं के माध्यम से विभिन्न प्रकार की आर्थिक एवं सामाजिक सहायता प्रदान की जाती है। हाल ही में सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन का शुभारंभ किया गया है। इस मिशन के माध्यम से गायों के संरक्षण एवं नस्ल के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित किया जाएगा। 

भारत सरकार
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
पशुपालन और डेयरी विभाग

लोक सभा

अतारांकित प्रश्न संख्या- 4232
दिनांक 29 मार्च, 2022 के लिए प्रश्न

राष्ट्रीय गोकुल मिशन

4232. श्रीमती सुमल्रता अम्बरीश

क्या मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) योजना के अंतर्गत कोई लक्ष्य निर्धारित किया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ख) क्‍या यह सच है कि सरकार ने कर्नाटक सहित सभी राज्यों को आरजीएम के अंतर्गत धन आबंटित और जारी किया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और

Rashtriya Gokul Mission

(ग) पिछले तीन वर्षों और वर्तमान वर्ष के दौरान उक्त योजना के अंतर्गत चिन्हित और लाभान्वित किसानों की कुल संख्या कितनी है?

उत्तर
मत्स्यपालन, पशुपाल्नन और डेयरी मंत्री

(श्री परशोत्तम रूपाला)

(क) संशोधित और पुनर्सरेखित योजना के अनुसार, राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2021-2026 के तहत, अगले 5 वर्षो के लिए निम्नलिखित संभावित लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं:

i.  राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान के तहत 165 मिलियन पशु कवर किये जायेंगे।

ii. द्वार पर एआई सेवाएं प्रदान करने के लिए 40,000 ग्रामीण भारत के लिए बहुद्देशीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (मैत्री) की स्थापना की जायेगी।

iii. संतति परीक्षण और वंशावली चयन के तहत 4700 उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाले सांड (एचजीएम) पैदा किये जायेंगे।

|iv. वीर्य खुराकों की मांग को पूरा करने और वीर्य खुराकों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए 44 मौजूदा वीर्य स्टेशनों को सुदृढ़ किया जायेगा।

v. आईवीएफ प्रौद्योगिकी के माध्यम से 1,15000 सुनिश्चित गर्भाधान कराए जायेंगे।

vi. सेक्स सॉर्टेड सीमेन खुराकों के उपयोग के माध्यम से 51 लाख सुनिश्चित गर्भाधान कराए जायेंगे।

vii. अधिमान्यत: देशी नस्लों के 125 नस्त्र वृद्धि फार्म स्थापित किये जायेंगे।

(ख) पिछले पांच वर्षों और चालू वित्तीय वर्ष के दौरान सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 2316.15 करोड़ रु. की राशि जारी की गई है जिसमें कर्नाटक राज्य को जारी किए गए 39.75 करोड़ रु. भी शामिल हैं।

(ग) बोवाईनों के दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के संबंध में योजना का लाभ डेयरी में शामिल सभी 8 करोड़ किसानों को मिल्र रहा है। राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (एनएआईपी) घटक के तहत, 1.92 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं और उनका डेटा पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य के लिए सूचना नेटवर्क (इनाफ) डेटाबेस पर अपलोड किया गया है।

Rashtriya Gokul Mission

राष्ट्रीय गोकुल मिशन को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा 28 जुलाई 2014 को आरंभ किया गया था। इस योजना के माध्यम से स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्ल के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित किया जाएगा। वर्ष 2014 में इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 2025 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया था। सन 2019 में इस योजना के बजट को ₹750 करोड़ रुपया से बढ़ा दिया गया। इस मिशन के माध्यम से स्वदेशी दुधारु पशुओं की अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिससे कि पशुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे।

Rashtriya Gokul Mission 2022 के माध्यम से देश के पशुपालक किसानों की आय मै वृद्धि होगी। इसके अलावा इस मिशन से माध्यम से पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के माध्यम से किसानों को दूध उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ वैज्ञानिक रुप से वृद्धि करने के विषय में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उद्देश्य

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का मुख्य उद्देश्य स्वदेशी गौवंश पशुओं की नस्ल में सुधार करना है। इसके अलावा उचित संरक्षण तथा दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाना एवं उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसके अलावा इस Rashtriya Gokul Mission के माध्यम से अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिससे कि दुधारु पशु की संख्या में वृद्धि हो सके। इस योजना के माध्यम से लाल सिंध, गिर, थारपरकर और सहीवाल आदि जैसी उच्च कोटि की स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके अन्य नस्लों की गायों का विकास किया जाएगा। कृषकओ के दुधारु पशुओं के लिए  गुणवत्तापूर्ण कृतिम गर्भाधान की सुविधा उनके घर पर उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा इस मिशन के अंतर्गत अनुवांशिक योगिता वाले सांड का वितरण किया जाएगा।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन की अंतर्गत पुरुस्कार का प्रावधान

  • इस मिशन के अंतर्गत पुरुस्कार का प्रावधान भी रखा गया है।
  • जिससे की देश किसान पशुपालन की तरफ आकर्षित हो सके।
  • यह पुरस्कार पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रदान किया जाएगा।
  • प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले नागरिक को गोपाल रतन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा एवं  तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले नागरिक को कामधेनु पुरुस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
  • इसके अलावा स्वदेशी नस्लओ के गौजातीय पशुओं का बेहतर संरक्षण करने वाले पशुपालक को गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाएगा।
  • कामधेनु पुरस्कार गौशालाओं और सर्वोत्तम प्रबंधित ब्रीड सोसाइटी को दिया जाएगा
  • इस योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 22 गोपाल रत्न तथा 21 कामधेनु पुरुस्कार प्रदान किए जा चुके है।

Rashtriya Gokul Mission की अंतर्गत गोकुल ग्राम

  • इस मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पशु केंद्र बनाए जाएंगे।
  • इन पशु केंद्रों को गोकुल ग्राम कहा जाएगा।
  • गोकुल ग्राम के माध्यम से लगभग 1000 से अधिक पशुओं को रखने की व्यवस्था की जाएगी।
  • इन सभी पशुओं के पोषक संबंधित आवशकता को पूरा करने के उद्देश्य से उनको चारे की व्यवस्था की जाएगी।
  • प्रत्येक गोकुल ग्राम में एक पशु चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भाधान सेंटर की व्यवस्था भी की जाएगी।
  • गोकुल ग्राम में रहने वाले पशुओं से दूध की प्राप्ति होगी और गोबर से जैविक खाद का निर्माण किया जाएगा।
  • इस योजन के माध्यम से देश के नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के माध्यम से प्रधान की जाने वाली वित्तीय सहायता

  • शुरुवात में इस योजना के संचालन के लिए 2025 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था।
  • वर्ष 2020 तक लगभग 1842.76 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है।
  • इस योजना को देश के सभी राज्यों में संचालित किया जा रहा है।
  • मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार सन 2014 से लेकर सन 2020 तक इस योजना के संचालन के लिए 1842.76 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लाभ तथा विशेषताएं

  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा 28 जुलाई 2014 को आरंभ किया गया था।
  • इस योजना के माध्यम से स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्ल के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • वर्ष 2014 में इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 2025 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया था।
  • सन 2019 में इस योजना के बजट को ₹750 करोड़ रुपया से बढ़ा दिया गया।
  • इस मिशन के माध्यम से स्वदेशी दुधारु पशुओं की अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
  • जिससे कि पशुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी।
  • इसके अलावा दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे।
  • इस योजना के माध्यम से देश के पशुपालक किसानों की आय मै वृद्धि होगी।
  • इसके अलावा इस मिशन से माध्यम से पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • इस योजना के माध्यम से किसानों को दूध उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ वैज्ञानिक रुप से वृद्धि करने के विषय में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।

Rashtriya Gokul Mission की पात्रता

  • आवेदन भारत तथा निवासी होना चाहिए।
  • इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष या फिर उससे ज्यादा होने चाहिए।
  • इस योजना के अंतर्गत छोटे किसान तथा पशुपालक ही आवेदन कर सकते हैं।
  • सरकारी पेंशन प्राप्त करने वाले पशुपालकों या किसानों को इस योजना का लाभ नहीं प्रदान किया जाएगा।

महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • निवास प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड
  • आयु का प्रमाण
  • आए प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो ग्राफ
  • मोबाइल नंबर
  • ईमेल id आदि

राष्ट्रीय गोकुल मिशन की अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया

  • सर्वप्रथम आपको पशुपालन और डेरी विभाग जाना होगा।
  • अब आपको वहा से आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा।
  • इसके पश्चात आपको आवेदन पत्र पूछ गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल id आदि दर्ज करना होगा।
  • अब आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अटैच करना होगा।
  • इसके पश्चात आपको आवेदन पत्र को पशुपालन एवं डेरी विभाग में जमा करना होगा।
  • इस प्रकार आप राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे।

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