World class facilities in Indian Railways भारतीय रेल मे विश्व स्तरीय सुविधाएं ।

World class facilities in Indian Railways भारतीय रेल मे विश्व स्तरीय सुविधाएं । 
रेल मंत्रालय
भारतीय रेल अपने यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिएप्रतिबद्ध है। 68,800 कोचों में लगाए गए जैव-शौचालयों की कुल संख्या 100 फीसदी की कवरेज के साथ 2,45,400 से भी अधिक हुई। 200 रेलवे स्टेशनों को 2019-20 में पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली का कार्यान्वयन आईएसओ: 14001 तक करने के लिए प्रमाणित किया गया
World class facilities in Indian Railways
अपने यात्रियों को स्वच्छ वातावरण और सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए भारतीय रेल ने स्वच्छ भारत, स्वच्छ रेल पहल के तहत कई अन्य कदम उठाए हैं। 
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भारतीय रेल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रेल नेटवर्कों में से एक अपने नेटवर्क के माध्यम से अपने यात्रियों को विश्व स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने यात्रियों को स्वच्छ वातावरण और सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए भारतीय रेल ने ‘स्वच्छ भारत, स्वच्छ रेल’ पहल के अंतर्गत विभिन्न कदम उठाए हैं।
इनमें से कुछ महत्वपूर्ण कदम नीचे दिए गए हैं:
2019-20 के दौरान 14,916 रेल डिब्बों में 49,487 जैव-शौचालय लगाए गए। इसके साथ ही 100 फीसदी कवरेज के साथ 68,800 कोचों में लगाए गए जैव शौचालयों की संयुक्त संख्या 2,45,400 से अधिक हो गई है। 2 अक्टूबर 2019 को 150वीं गांधी जयंती के बाद से सिंगल यूज़ प्लास्टिक के किसी सामान का कोई उपयोग नहीं।
 
रेलवे के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए ‘स्वच्छ कार्य योजना’ के कार्यान्वयन के लिए रेल मंत्रालय को किसी मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रयास के लिए चुना गया, और भारत के राष्ट्रपति द्वारा 06 सितंबर 2019 को सम्मानित किया गया।
 
200 रेलवे स्टेशनों को 2019-20 में पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली का कार्यान्वयन आईएसओ: 14001 तक करने के लिए प्रमाणित किया गया। एकीकृत मशीनीकृत सफाई का काम अब 953 स्टेशनों में प्रदान किया जाता है।
 
स्वच्छता मानकों पर यात्री धारणा का स्वतंत्र, तीसरे पक्ष का सर्वेक्षण 2019-20 में 720 स्टेशनों पर किया गया जो पूर्व में 407 स्टेशनों के लिए किया गया था। राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और अन्य महत्वपूर्ण लंबी दूरी की मेल / एक्सप्रेस रेलगाड़ियों सहित 1100 जोड़ी से अधिक रेलगाड़ियों में यात्रा के दौरान शौचालयों, दरवाजों, गलियारों और यात्री डिब्बों की सफाई के लिए ट्रेन पर हाउस कीपिंग सेवा (ओबीएचएस) की सुविधा मौजूद है।
 
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‘कोच-मित्र’ सेवा की मांग पर आधारित एसएमएस द्वारा समर्थित ओबीएचएस सेवा अब 1060 जोड़ी से अधिक ट्रेनों को कवर करेगी।
 
एसी कोच के यात्रियों को दी जाने वाली चद्दरों की धुलाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए मशीनीकृत लॉन्ड्री स्थापित की जा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 (कुल 68) में 8 मशीनीकृत लॉन्ड्री स्थापित।
 
स्टेशनों में उत्पन्न प्लास्टिक कचरे को कम करने, पुनर्चक्रण करने और निपटाने के लिए एक पहल के रूप में, ज़ोनल रेलवे द्वारा प्लास्टिक बॉटल क्रशिंग मशीन (पीबीसीएम) की स्थापना के लिए व्यापक नीतिगत दिशा-निर्देशों को लाया गया है। वर्तमान में, भारतीय रेलवे के कई जिला मुख्यालय रेलवे स्टेशनों सहित 229 स्टेशनों पर लगभग 315 पीबीसीएम लगाई गईं हैं। 2019-20 (कुल 20) में 8 स्थानों पर स्वचालित डिब्बे धोने के संयंत्र (एसीडब्ल्यूपी) स्थापित किए गए हैं।
 
स्टेशनों पर पानी भरने के समय को कम करने के लिए 2019-20 (कुल 44) में 29 स्थानों पर त्वरित जल भरने की सुविधा स्थापित की गई है।
 
Source : PIB 

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