Composition of the Task force मातृत्व में प्रवेश करने वाली लड़कियों की आयु के मुद्दे के अध्ययन के लिए गठित कार्यबल की संरचना

महिलाओं के शिक्षा और कैरियर के क्षेत्र में आगे बढने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है। जिसकी अध्यछ सुश्री जया जेटली को बनाया गया हैं। मातृत्व में प्रवेश करने वाली बालिका की आयु से जुड़े संपूर्ण मुद्दे को सुधार की दृष्टि से देखने की आवश्यकता है ।
Composition of the Task force
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
(महिला कल्याण विभाग)
अधिसूचना
नई दिल्‍ली, 4 जून, 2020
का.आ. 1736(अ).–अपने 2020-21 के बजट भाषण के दौरान भारत की माननीय वित्त मंत्री ने संसद में कहा था कि वर्ष 1929 के शारदा अधिनियम में संशोधन करते हुए 1978 में महिलाओं के विवाह की आयु सीमा बढाकर 15 वर्ष से 18 वर्ष की गई। जैसे-जैसे भारत तरक्की कर रहा है, महिलाओं के शिक्षा और कैरियर के क्षेत्र में आगे बढने के अवसर बन रहे हैं । महिला मातृत्व दर में कमी लाना तथा पोषण के स्तरों में सुधार लाना अनिवार्य है। मातृत्व में प्रवेश करने वाली बालिका की आयु से जुड़े संपूर्ण मुद्दे को इस दृष्टि से देखने की आवश्यकता है । मैं एक कार्यबल नियुक्त करने का प्रस्ताव करती हूं जो अपनी अनुशंसाएं छह माह की समयावधि में देगी ।’ (संदर्भ: वर्ष 2020-21 के बजट भाषण का पैरा 67)
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2. परिणामस्वरूप भारत सरकार ने मातृत्व की आयु से संबंधित मामलों, मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) घटाने की अनिवार्यता, पोषाहार के स्तरों में सुधार तथा इससे जुड़े अन्य विषयों के परीक्षण के लिए एक कार्यबल का गठन किया है।
3. कार्यबल का गठन इस प्रकार किया जाता है:

क्रसं.

सदस्य का नाम

पदनाम

1.

सुश्री जया जेटली
(
नई
दिल्ली)

अध्यछ  

2.

डॉ. विनोद पॉल,
सदस्य
(
स्वास्थ्य),
नीति
आयोग

सदस्य (पदेन)

3.

सचिव, स्वास्थ्य एवं
परिवार
कल्याण
मंत्रालय

सदस्य (पदेन)

4.

सचिव, महिला एवं
बाल
विकास
मंत्रालय

सदस्य (पदेन)

5.

सचिव, उच्च शिक्षा विभाग

             सदस्य (पदेन)

6.

सचिव, स्कूल शिक्षा तथा साक्षरता विभाग

सदस्य (पदेन)

7.

सचिव, विधायी विभाग

सदस्य (पदेन)

8.

सुश्री नजमा अख्तर (नई दिल्ली)

सदस्य

9.

सुश्री वसुधा कामथ (महाराष्ट्र)

सदस्य

10.

सुश्री दीप्ती शाह (गुजरात)

सदस्य

4. कार्यबल के संदर्भ बिंदु निम्नानुसार होंगे:
  • विवाह और मातृत्व की आयु के सह-संबंध (को-रिलेशन) का परीक्षण करना (क) गर्भावस्‍था, जन्म तथा उसके बाद की स्थितियों में जननी और नवजात/शिशु/बच्चों की स्वास्थ्य, चिकित्सकीय कुशल-क्षेम और पोषण की स्थिति से,
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  • नवजात मृत्यु दर (आईएमआर), मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर), कुल ऊर्वरता दर (टीएफआर), जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी), बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) आदि जैसे प्रमुख मानकों से तथा (ग) इस संदर्भ में स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े अन्य किन्ही सुसंगत बिंदुओं से ।
  • महिलाओं में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उपाय सुझाना ।
  • कार्यबल की सिफारिशों के समर्थन के लिए उपयुक्त विधायी उपाय एवं/अथवा मौजूदा कानूनों में संशोधन सुझाना ।
  •  कार्यबल की सिफारिशों को क्रियान्वित कराने के लिए समय सीमा के साथ एक विस्तृत कार्य-योजना तैयार करना ।
  • आवश्यकता के अनुसार कार्यबल अपनी बैठकों में अन्य विशेषज्ञों को बुला सकते हैं ।
  • कार्यबल को सचिवालयी सहायता नीति आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी और यह 31 जुलाई, 2020 तक अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा ।
[फा. सं. डब्ल्यूडब्ल्य/75/2020/डब्ल्यूडब्ल्यू (ई-86196)]
आशीष श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव
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