S.No |
State |
2019-2020 |
2020-2021 |
2021-2022 |
1 |
Andhra Pradesh |
105 |
100 |
135 |
2 |
Assam |
6 |
10 |
27 |
3 |
Bihar |
41 |
59 |
47 |
4 |
Chandigarh |
54 |
10 |
12 |
5 |
Chhattisgarh |
17 |
31 |
24 |
6 |
Delhi |
218 |
200 |
244 |
7 |
Goa |
7 |
6 |
7 |
8 |
Gujarat |
147 |
154 |
197 |
9 |
Haryana |
114 |
194 |
144 |
10 |
Jammu and Kashmir |
1 |
4 |
5 |
11 |
Jharkhand |
37 |
56 |
48 |
12 |
Karnataka |
271 |
234 |
253 |
13 |
Kerala |
96 |
78 |
71 |
14 |
Madhya Pradesh |
70 |
81 |
83 |
15 |
Maharashtra |
358 |
397 |
378 |
16 |
Odisha |
66 |
85 |
89 |
17 |
Puducherry |
5 |
5 |
2 |
18 |
Punjab |
83 |
155 |
154 |
19 |
Rajasthan |
377 |
274 |
313 |
20 |
Tamil Nadu |
136 |
150 |
189 |
21 |
Telangana |
217 |
180 |
199 |
22 |
Tripura |
10 |
9 |
14 |
23 |
Uttar Pradesh |
211 |
228 |
194 |
24 |
Uttarakhand |
13 |
26 |
16 |
25 |
West Bengal |
242 |
238 |
229 |
26 |
Other |
2 |
0 |
0 |
Grand Total |
2904 |
2964 |
3074 |
Education
Kishore Vaigyanik Protsahan Yojana किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना
Kishore Vaigyanik Protsahan Yojana किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना
भारत सरकार
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 2432
21 दिसम्बर, 2022 को उत्तर देने के लिए
किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना
2432. श्री विजय कुमार
क्या विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) “किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना” (केवीपीवाई) की मुख्य विशेषताएं, लक्ष्य और उद्देश्य क्या हैं;
(ख) विगत तीन वर्षों के दौरान केवीपीवाई के अंतर्गत बिहार और अन्य राज्यों में लाभार्थी युवकों की राज्य-वार संख्या कितनी है;
(ग) क्या सरकार ने इन योजनाओं हेतु निधीरित उददेश्यों को प्राप्त कर लिया है; और
(घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा कया है ?
उत्तर
विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
(डॉ. जितेंद्र सिंह)
(क) “किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना" (केवीपीवाई) कार्यक्रम 1999 में विज्ञान और प्रौदयोगिकी विभाग (डीएसटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था ओर भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु द्वारा कार्यान्वित किया गया था। जिसका उद्देश्य अनुसंधान के लिए प्रतिभावान और अभिक्षम विद्यार्थियों की पहचान करना; उन्हें उनकी शैक्षणिक क्षमता को चरितार्थ करने में मदद करना; विज्ञान में अनुसंधान करियर बनाने में उन्हें प्रोत्साहित करना और देश में अनुसंधान और विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रतिभा के विकास को सुनिश्चित करना है। केवीपीवाई अध्येताओं को भारत के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में अधिकतम पांच वर्ष की अवधि के लिए फैलोशिप की पेशकश की जाती है, बशर्ते वे मौलिक विज्ञान क्षेत्रों में स्नातक / स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हों।
(ख) . पिछले तीन वर्षों के दौरान बिहार और अन्य राज्यों में केवीपीवाई के अंतर्गत लाभान्वित युवाओं की राज्य-वार संख्या संलग्न है।
(ग) और (घ) जी हाँ। अनुसंधान के लिए अभिक्षम प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की पहचान करना और फैलोशिप प्रदान करके उन्हें प्रोत्साहित करना निरंतर प्रक्रिया है। इसलिए, सरकार उन उददेश्यों को प्राप्त करती रही है जिनके लिए उक्त योजना शुरू की गई थी। वर्ष 1999 के दौरान 1000 आवेदन प्राप्त हुए थे, जो वर्ष 2020 के दौरान बढ़कर लगभग 1.56 लाख हो गए है। केवीपीवाई के अधिकांश अध्येता देश के प्रमुख संस्थानों जैसे भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर,), राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (एनआईएसईआर) आदि में कार्य करने लगते हैं। अब तक लगभग 5000 छात्र इस कार्यक्रम के तहत
लाभान्वित हुए हैं।
(ड़) अनुसंधान के लिए प्रतिभावान और अभिक्षम छात्रों की पहचान करने के उद्देश्य और प्रयोजन के सुदृढीकरण के अलावा, केवीपीवाई कार्यक्रम को उच्चतर शिक्षा छात्रवृत्ति (एसएचई) में शामित्र किया गया है, जो प्रेरित अनुसंधान के लिए विज्ञान की खोज में नवाचार (इंस्पायर) का घटक है, जिसमें ऐसे प्राथियों की संख्या बढ़ा दी गई है ताकि वे इंस्पायर- उच्चतर शिक्षा छात्रवृत्ति (एसएचई) पात्रता मानदंडों के आधार पर मौलिक और प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) करने हेतु 12000 छात्रवृत्ति।/वर्ष का लाभ उठा सकें।
अनलग्नक
किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) का राज्य-वार वितरण अध्येताओं की प्रस्तुति (2019-22)
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