जागरण संवाददाता, शिमला : शहरी गरीबों की तलाश 14 साल बाद फिर से शुरू हो गई है। नगर निगम शिमला ने आखिर बीपीएल का सर्वे शुरू कर ही दिया। राजधानी में कितने लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, इसको जानने के लिए नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है। नगर निगम के पार्षदों की ओर से अपने वार्ड के लोगों को बताया गया है कि अगले तीन से चार दिन में वे उनके पास अपने नाम दस्तावेज सहित जमा करवा दें। इसके बाद किए गए आवेदन शामिल नहीं किए जाएंगे।
राजधानी में शहरी गरीबों के लिए कई योजनाएं केंद्र की ओर से शुरू की जा चुकी हैं, लेकिन राजधानी में बीपीएल को लेकर काफी विवाद चला। केंद्र की योजनाओं में शहरी आवास योजना, शहरी स्वरोजगार योजना व शहरी स्वावलंबन योजना शुरू की गई है। ऐसे में लोगों को इसका लाभ दिया जा सके, इसलिए सर्वे किया जा रहा है। राजधानी में बीपीएल का सर्वे पहले 2007 में हुआ था। उस समय शहर में हुए सर्वे पर ही सवाल उठते रहे। पूरे शहर में सर्वे के पूरा होने के बाद तीन हजार से ज्यादा परिवारों को बीपीएल की श्रेणी में शामिल किया गया था। इस बार बीपीएल परिवारों की संख्या ज्यादा होने की उम्मीद है। शहर का दायरा बढ़ चुका है। न्यू मर्ज एरिया भी शहर का हिस्सा बन गया है। राजधानी में 25 के बजाय 34 नगर निगम के वार्ड हैं। ऐसे में बीपीएल परिवारों की संख्या का आंकड़ा पांच हजार परिवार तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। निगम की मासिक बैठक में सर्वे का लिया था फैसला
नगर निगम की मासिक बैठक में इस पर फैसला लिया गया था। सदन के फैसले के बावजूद सर्वे में हो रही देरी पर पार्षदों ने पिछली निगम की बैठक में अपने ही निगम प्रशासन को घेरना शुरू कर दिया था। अब प्रशासन ने पूरे शहर में पार्षदों के मार्फत सर्वे करवाना शुरू कर दिया है। नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि सदन के फैसले के मुताबिक ही सर्वे करवाया जा रहा है।
Source:https://www.jagran.com
नोट :- हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com पर ऐसी जानकारी रोजाना आती रहती है, तो आप ऐसी ही सरकारी योजनाओं की जानकारी पाने के लिए हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com से जुड़े रहे।
*****