प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना क्या हैं। What is Pardhan mantri matsya sampada yojana ?

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना क्या हैं। What is Pardhan mantri matsya sampada yojana ?

प्रधानमंत्री द्वारा तालाबंदी की स्थिति को सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज लागू किया जिसके तहत सभी विभागों में राशि को कार्य में लगाया गया। प्रधानमंत्री की सहमति के बाद प्रधानमंत्री मदद से संपदा योजना (Pardhan mantri matsya sampada yojna) का भी आरंभ किया गया जिससे लगभग 55 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। इस योजना में 70 लाख टन मछली का उत्पादन आराम से किया जा सकेगा जिससे मत्स्य निर्यात का उद्योग दोगुना बढ़ जाएगा।  

Pardhan mantri matsya sampada yojana

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना Pardhan mantri matsya sampada yojana

इस योजना के जरिए प्रधानमंत्री का लक्ष्य बागवानी को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pardhan mantri matsya sampada yojna) के उपयोग से मत्स्य बोर्ड संरचना का निर्माण किया जाएगा जो मूल्य श्रंखला निर्माण करने में सहायक हो सकते हैं। सरकार ने स्पष्ट करते हुए कहा कि इस योजना को नील क्रांति का भी नाम लिया जाएगा क्योंकि मछलियों को इसमें प्राथमिकता देने का काम किया जाएगा। 

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मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य

मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मत्स्य संपदा योजना की घोषणा की गई जिसके लिए उन्होंने 20,000 करोड रुपए की राशि भी घोषित की। इस योजना के जरिए सरकार मछलियों के लालन-पालन और पोषण के लिए पैसा खर्च करना चाहती हैं और देश में इस उद्योग को बढ़ावा देना चाहती हैं।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pardhan mantri matsya sampada yojna) के उद्देश्य

इस योजना से कुछ उद्देश्य पूरे करने का लक्ष्य सरकार द्वारा साधा गया है जो निम्नलिखित है:- 

  • इस योजना के द्वारा मछलियों के रिटेल आउटलेट को लेकर एक वर्तमान रूपरेखा तैयार की जाएगी।
  • राष्ट्र में मछलियों को किस तरह से और किस हिस्से में किस प्रकार भोजन तैयार करके खाया जाए इसका विस्तार विवरण मैं भी विकास लाया जाएगा।
  • इस योजना की मदद से जीडीपी और रोजगार के साथ-साथ उद्यम निर्माण में भी सहायता होगी।
  • बागवानी वस्तुओं की विशाल बर्बादी को रोकने में सहायक भी होगी सरकार द्वारा जारी की गई मत्स्य संपदा योजना।
  • इस योजना के तहत रेंजर्स को बेहतर लागत देने और उनके वेतन को दुगना करने में भी मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना  के लिए कौन होंगे पात्र ?

  • इस योजना में केवल वही व्यक्ति पंजीकरण कर सकते हैं जो मछुआरे हैं और मछली पालन का काम करते हैं।

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फिलहाल इस योजना के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया घोषित नहीं की गई है जल्द ही पंजीकरण की प्रक्रिया सरकार द्वारा घोषित की जाएगी। जिस तरह से सरकार ने आज निर्भरता अभियान को अपनाते हुए देश को इस गंभीर स्थिति में राहत राशि प्रदान की है उसे सभी उद्योगों में लगाने के बाद सरकार देश को विकास की ओर तीव्रता से ले जाने का प्रयास कर रही है। 

क्या है मतस्य सम्पदा योजना?

मत्स्य /मछली पालन के लिए सरकार ने एक बड़ी योजना, मत्स्य सम्पदा योजना की शुरुवात की है। इस स्‍कीम को सरकार 20 हजार करोड़ रुपये से शुरू करेगी. इस स्कीम से से 55 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की सम्भावना है। 

मत्स्य संपदा योजना को देश भर में मत्स्य पालन को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है. केंद्र सरकार अगले पांच वर्षों में वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक इस स्कीम में लगभग 20,050 करोड़ रुपये खर्च करेगी. सरकार के मुताबिक इस स्कीम से देश के लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. PMMSY योजना के तहत देश में 2024-25 में मछली के उत्पादन को लगभग 70 लाख टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। 

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बिहार को ये सौगात

इस मौके पर प्रधानमंत्री PMMSY योजना के तहत सीतामढ़ी में फिश ब्रूड बैंक और किशनगंज में एक्वेटिक डिसीज रेफरल लैब की शुरुआत करेंगे जो मछली के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगा. इन सुविधाओं से मछली पालको को अच्छे मछली के बच्चे भी मिल पाएंगे. वहीं मधेपुरा में एक मछली के लिए चारा बनाने के एक प्लांट की भी शुरुआत करेंगे. पूसा (समस्तीपुर) में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में फिश प्रोडक्शन टेक्नॉलजी सेंटर का उद्घाटन होगा. वहीं पूर्णिया, पटना और बेगूसराय में पशुपालन से जुड़े अहम प्रोजेक्ट भी लॉन्च किए जाएंगे. विकास के इन कार्यों से बिहार को अत्यधिक लाभ होगा. 

इस योजना का ऐलान कब हुआ?

हालांकि मत्स्य संपदा योजना की घोषणा बजट में की गई की थी, लेकिन हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की घोषणा के दौरान 15 मई को इस योजना के किर्यान्वन के लिए 20 हजार करोड़ की राशि की घोषणा की गई। 

क्या हैं इस योजना के कुछ प्रमुख बिंदु?

समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन का समावेशी विकास, मरीन, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर गतिविधियों के लिए रु 11,000 करोड़,इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 9000 Cr – फिशिंग हारबर्स, कोल्ड चेन, मार्केट्स आदि,व्यक्तिगत और नाव बीमा इत्यादि। 

Source : https://zeenews.india.com 

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