प्रधान मंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (पी.एम.जी.के.ए.वाई.) का अल्‍प वितरण

भारत सरकार 

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग 

राज्‍य सभा 

अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 1507 

23 सितम्‍बर, 2020 के लिए प्रश्‍न 

प्रधान मंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (पी.एम.जी.के.ए.वाई.) का अल्‍प वितरण 
1507 श्री टी. जी. वेंकटेश : 

क्‍या उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि: 
गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना
(क) क्‍या सरकार का ध्‍यान ‘द हिन्‍दु’ समाचार पत्र की दिनांक 8.8.2020 की रिपोर्ट की ओर दिलाया गया है जिसका शीर्षक था ‘प्रधान मंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना (पी.एम.जी.के.ए.वाई.) के 40 प्रतिशत लाभार्थियों को जुलाई में मुफ्त अनाज नहीं मिलेगा’; 
(ख) यदि हां, तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या है; और 
(ग) सरकार द्वारा उन राज्‍यों पर क्‍या कार्रवाई की गई है जिन्‍होंने उक्‍त मुफ्त अनाज का वितरण नहीं किया है? 
उत्‍तर 
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्‍य मंत्री 
(श्री दानवे रावसाहेब दादाराव) 
(क) से (ग): जी हां। 
उल्लेख किया जाता है कि प्रारम्भ में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के चरण-1 के तहत अप्रैल, मई और जून, 2020 में प्रत्येक माह के दौरान राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा औसतन लगभग 94% खाद्यान्न वितरित किए गए थे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के चरण-2 (जुलाई से नवंबर, 2020) के तहत राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को खाद्यान्नों का आवंटन इस स्कीम के तहत सभी एनएफएसए लाभार्थियों को मासिक/द्वि-मासिक अथवा एकबारगी वितरण हेतु इस विभाग द्वारा 8 जुलाई, 2020 को किया गया था। 
[post_ads_2]
इस स्कीम के तहत खाद्यान्नों के वितरण सहित समस्त प्रचालनात्मक दायित्व राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकार का है। अब तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के चरण-2 के तहत, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार माह जुलाई और अगस्त, 2020 के लिए लगभग क्रमशः 90% और 85% खाद्यान्नों का वितरण किया जा चुका है, जबकि सितंबर माह के लिए लगभग 20% खाद्यान्न वितरित किए गए हैं। 
Source: Click here to view/download the PDF Hindi / English
 
नोट :- हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com पर ऐसी जानकारी रोजाना आती रहती है, तो आप ऐसी ही सरकारी योजनाओं की जानकारी पाने के लिए हमारे वेबसाइट www.indiangovtscheme.com से जुड़े रहे। 
*****