The interest of home buyers is to be protected by the ease of doing business in the real estate sector. रियल एस्टेट सेक्टर में इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के द्वारा घर खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखना हैं।

कोरोना महामारी के चलते रियल एस्टेट सेक्टर को हो रहीं नुकसान की भरपाई करने के लिए सरकार द्वारा विशेष पैकेज की घोषणा की हैं।  घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और उनके रियल स्टेट नियामक प्राधिकरणों को एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि रेरा (आर ई आर ए) के तहत पंजीकृत सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण स्वतः 6 महीने के लिए बढ़ा दिया जाए और कोविड-19 महामारी की वजह से यदि जरूरी हुआ तो इसे पुनः अगले 3 महीने तक के लिए बढ़ा दिया जाए। इससे लोगो को घर मिलने मे कुछ समय लगेगा पर उन्हें कोई भी नुकसान नहीं होगी। 
इज़+ऑफ+डूइंग+बिजनेस
सरकार रियल एस्टेट सेक्टर में इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस सुनिश्चित करते हुए घर खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है
आज का उपाय घरों / फ्लैटों का निर्माण कार्य पूरा होने और कुछ महीने देर से ही सही उनकी डिलीवरी सुनिश्चित करते हुए घर खरीदारों के हितों का बचाव करने के लिए है। 
सरकार रियल एस्टेट सेक्टर में इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस यानी आसान कारोबार सुनिश्चित करते हुए घर खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की घोषणा के बाद आज घर खरीदारों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और उनके रियल स्टेट नियामक प्राधिकरणों को एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि रेरा (आर ई आर ए) के तहत पंजीकृत सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण स्वतः 6 महीने के लिए बढ़ा दिया जाए और कोविड-19 महामारी की वजह से यदि जरूरी हुआ तो इसे पुनः अगले 3 महीने तक के लिए बढ़ा दिया जाए।
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आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने आज सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और उनके संबंधित रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरणों को एडवाइजरी जारी करते हुए मौजूदा कोविड-19 महामारी को प्राकृतिक आपदा मानकर “फोर्स मैजियुर” के रूप में विचार करने को कहा है जो रियल एस्टेट परियोजनाओं के नियमित विकास को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। इसमें रेरा के तहत पंजीकृत सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण अगले छह महीने बढ़ाने और कोविड-19 महामारी की वजह से बनने वाली नई परिस्थिति के अनुसार पंजीकरण को और 3 महीने आगे बढ़ाने को कहा गया है।
इस उपाय से घर खरीदारों को उनके फ्लैट / घरों की डिलीवरी पाने के अधिकारों का बचाव होगा। हालांकि इसमें कुछ महीनों की देरी होगी लेकिन, इससे परियोजनाओं का निर्माण कार्य सुनिश्चित हो सकेगा।
पहले भी विभिन्न कारणों से कई परियोजनाओं का निर्माण कार्य अवरुद्ध हो गया था जिससे लाखों खरीदार अपने बुक किए हुए घरों के लिए बड़ी मुश्किल स्थिति में पड़ गए। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोविड-19 रियल एस्टेट सेक्टर के कामकाज को पूरी तरह बर्बाद ना कर दे, कुछ सुधारात्मक उपाय करना अति आवश्यक हो गया है। इसलिए मौजूदा स्थिति में प्रमुख उद्देश्य परियोजनाओं को पूरा करने के लिए डेवलपर्स को जरूरी नियामक राहत देते हुए घर खरीदारों की चिंता दूर करना है ताकि सभी हितधारकों का भला हो सके।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने घर खरीदारों, डेवलपर्स, वित्तीय संस्थानों इत्यादि समेत सभी हितधारकों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया और इस अचानक आई महामारी से उत्पन्न हालात में सर्वोत्कृष्ट समाधान ढूंढने के लिए सभी संबंधित मुद्दों पर बातचीत की।
इसके बाद आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में 29 अप्रैल, 2020 को केंद्रीय परामर्श परिषद (सीएसी) की बैठक हुई थी जिसमें एकमत से यह फैसला लिया गया कि मौजूदा महामारी को रेरा के तहत “फोर्स मेजियुर” मानकर काम करने के लिए केंद्र सरकार से एडवाइजरी जारी करने की सिफारिश की जाए।
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कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हालात की वजह से 25 मार्च, 2020 से प्रभावी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई। इसके परिणामस्वरूप रियल एस्टेट की जारी परियोजनाओं का निर्माण कार्य अवरुद्ध हो गया और मजदूर अपने मूल निवास स्थानों की ओर चल पड़े। इसके अलावा बड़े स्तर पर निर्माण सामग्रियों की आपूर्ति बाधित हो गई जिससे देशभर में निर्माण गतिविधियों पर बुरा असर पड़ा।
ऐसा अनुमान है कि मॉनसून से पहले निर्माण गतिविधियां शुरू नहीं की जा सकती हैं जिससे निर्माण कार्य शुरू होने में और विलंब होगा। इसके अलावा, आगामी मॉनसून मौसम के बाद दशहरा, दीपावली और छठ जैसे त्योहारों के आने से मजदूरों के फिलहाल वापस काम पर आने की कोई उम्मीद नहीं है।
ऐसे हालात में यह साफ है कि रियल एस्टेट परियोजनाओं में पूरे जोर-शोर से काम शुरू होने में अभी कुछ समय लगेगा। रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) के तहत अति आवश्यक सुधारात्मक उपायों के अभाव में कई रियल एस्टेट परियोजनाओं के अवरुद्ध हो जाने से मुकदमेबाजी इत्यादि के बढ़ने की भी आशंका है। इससे अंततः नतीजा यह होगा कि उन घर खरीदारों को फ्लैट की डिलीवरी नहीं हो पाएगी जिन्होंने अपने सपनों के घर के लिए जीवन भर की कमाई का निवेश कर दिया है।
Source : PIB 
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