Consumer Price Index for Industrial Workers (CPI-IW)-January, 2019 औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्‍ल्‍यू) – जनवरी, 2019

पत्र सूचना कार्यालय 
भारत सरकार
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय 
01-मार्च-2019 11:26 IST

औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्‍ल्‍यू) – जनवरी, 2019 

औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्‍ल्‍यू) जनवरी 2019 में 6 अंक बढ़कर 307 अंक के स्‍तर पर आ गया। एक माह में हुए परिवर्तन के आधार पर सीपीआई-आईडब्‍ल्‍यू में दिसम्‍बर, 2018 से लेकर जनवरी, 2019 तक की अवधि के दौरान (+)1.99 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान इसमें (+)0.70 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली थी। मौजूदा सूचकांक में सर्वाधिक वृद्धि आवासीय समूह के कारण आई है जिसने कुल परिवर्तन में (+)5.16 प्रतिशत का योगदान दिया है। विभिन्‍न वस्‍तुओं (आइटम) के आधार पर चावल, अरहर दाल, ताजा मछली, बकरे का मांस, नारियल तेल, भिंडी, टमाटर, फूल/फूलों की माला आदि सूचकांक में वृद्धि के कारक हैं, लेकिन प्‍याज, बैंगन, गोभी, गाजर, फूल गोभी, फली, लौकी, रसाई गैस, बिजली शुल्‍क आदि ने सूचकांक को नियंत्रित किया, जिसके फलस्‍वरूप सूचकांक में नीचे का दबाव देखा गया। 

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मासिक सीपीआई-आईडब्‍ल्‍यू द्वारा मापी जाने वाली महंगाई दर पर वार्षिक आधार पर गौर करने से पता चलता है कि यह जनवरी, 2019 में 6.60 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 5.24 प्रतिशत और पिछले साल के समान महीने में 5.11 प्रतिशत थी। इसी तरह खाद्य महंगाई दर (+)0.97 प्रतिशत रही, जबकि यह पिछले महीने (-)0.96 प्रतिशत और पिछले वर्ष के समान महीने में 3.36 प्रतिशत थी।

केन्‍द्रीय स्तर पर नागपुर में सर्वाधिक 21 अंकों की वृद्धि दर्ज की। इसके बाद नासिक  (17 अंक) अमृतसर, किलोन, झरिया (प्रत्‍येक 13 अंक) तथा जयपुर (12 अंक) ने अधिकतम वृद्धि दर्ज की। इसी तरह तीन केन्‍द्रों में 11 अंकों, 7 केन्‍द्रों में 10 अंकों, 3 केन्‍द्रों में 9 अंकों, 5 केन्‍द्रों में 8 अंकों, 9 केन्‍द्रों में 6 अंकों, 6 केन्‍द्रों में 5 अंकों, 7 केन्‍द्रों में 4 अंकों, 7 केन्‍द्रों में 3 अंकों, 7 केन्‍द्रों में 2 अंकों तथा 6 केन्‍द्रों में 1 अंक की वृद्धि देखी गई। 4 केन्‍द्रों में 2 अंकों की गिरावट तथा 2 केन्‍द्रों में 1 अंक की गिरावट देखी गई। शेष 4 केन्‍द्रों में सूचकांक स्थिर रहे।

35 केन्‍द्रों में सूचकांक दरअसल अखिल भारतीय सूचकांक से ज्‍यादा रहे हैं, जबकि 42 केन्‍द्रों में सूचकांक राष्‍ट्रीय औसत से कम रहे हैं। राउरकेला केन्‍द्र का सूचकांक अखिल भारतीय सूचकांक के बराबर रहा।

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