प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लेना है लाभ तो 31 जुलाई से पहले कर लें यह काम

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लेना है लाभ तो 31 जुलाई से पहले कर लें यह काम If you want to take benefit of Prime Minister Crop Insurance Scheme, then do this work before July 31
Crop Insurance Scheme
अगर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो 31 जुलाई 2020 से पहले बैंक शाखा को सूचित करें, ताकि किसी आपदा में अगर आपकी फसल नष्ट हो जाती है तो उस नुकसान की भरपाई हो सके। भूकंप, हिमस्खलन, भूस्खलन, सूखा, तूफान, बाढ़, आगजनी, बादल फटना, फसल में कीड़े लगने और शीत लहर से आपकी फसल नष्ट होने पर नुकसान की भरपाई मोदी सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करती है। हालांकि इस स्कीम से जुड़े न होने पर भी किसानों को फसल के नुकसान की स्थिति में बैंकों से बड़ी मदद मिल सकती है।
31 जुलाई तक बैंक शाखा को किसान अपनी एक फोटो, आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, खेत का खसरा नंबर और खेत में फसल का सबूत पेश करें। गैर ऋणी किसान सीएससी, बैंक, एजेंट से संपर्क कर सकते है अथवा बीमा पोर्टल पर फसल बीमा स्वयं भी कर सकते है।
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इतना देना पड़ता है प्रीमियम 
खरीफ की फसल के लिए 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। इस योजना में कामर्शियल और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है। इसमें किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।
कैसे मिलता है लाभ
खेत की बुआई के 10 दिन के अंदर किसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आवेदन करना होता है। बीमा की रकम का लाभ तभी मिलेगा जब आपकी फसल किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से ही खराब हुई हो। बुवाई से कटाई के बीच खड़ी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, रोगों व कीटों से हुए नुकसान की भरपाई होती है।। वहीं खड़ी फसलों को स्थानीय आपदाओं, ओलावृष्टि, भू-स्खलन, बादल फटने, आकाशीय बिजली से हुए नुकसान की भरपाई इस योजना के तहत की जाती है।
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फसल कटाई के बाद अगले 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई फसलों को बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि और आंधी से हुई क्षति की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर क्षति का आकलन कर बीमा कंपनी भरपाई करेगी। यही नहीं प्रतिकूल मौसम के कारण फसल की बुवाई न कर पाने पर भी लाभ मिलेगा।
क्लेम के लिए बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर 
72 घंटे के अंदर 18002005142 या फिर 1800120909090 पर या बीमा कंपनी और कृषि विभाग विशेषज्ञ से संपर्क साध सकते हैं। नुकसान होने पर खेतवार नुकसान का आकलन कर भुगतान किया जाता है।
Source : https://www.livehindustan.com

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